शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

Class 10 कृतिका पाठ 3 साना साना हाथ जोडि

 Class 10 

कृतिका 

पाठ 3 साना साना हाथ जोडि

पुनरावृत्ति कार्य

 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए।

1. 'साना साना हाथ जोड़ी' पाठ में कहा गया है कि कटाओ पर किसी दुकान का न होना वरदान है, ऐसा क्यों ?  भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानों को वरदान बनाने में युवा नागरिक की क्या भूमिका हो सकती है?

2. यात्राएँ  विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होने का अच्छा माध्यम हैंं। 'साना साना हाथ जोड़ि' पाठ के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए।

3. लोंग स्टाक  में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक- सी क्यों दिखाई दी? साना साना हाथ जोड़ि पाठ के आधार पर लिखिए।

- हिंदू धर्म में चक्र की बहुत महत्ता है। ऐसा ही कुछ लेखिका को सिक्किम में बौद्ध धर्म के बारे में भी देखने को मिला। इसलिए लॉंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी दिखाई दी।


4. प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है? पाठ के आधार पर लिखिए।

- प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को असीम आत्मीय सुख की अनुभूति होती है। लेखिका के चारों ओर स्वर्गिक आनंद अनुभूत कराने वाली वस्तुएं बिखरी पङी थीं और वो इन वस्तुओं को अपने आप में समेट लेना चाहती थी । इस वातावरण में उसको अद्भुत शान्ति प्राप्त हो रही थी।


5. देश की सीमा पर बैठे फौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैंं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?

 - देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी बहुत सारी कठिनाइयों से जूझते हैं, लेकिन वह कभी इसका अहसास नहीं होने देते । हमारे फौजी भाईयों को उन बर्फ से भरी ठंड में ठिठुरना पड़ता है। जहाँ पर तापमान शून्य से भी नीचे गिर जाता है। वहाँ नसों में खून को जमा देने वाली ठंड होती है। कभी-कभी तो बारिश के दिनों में में लोगों को बाढ़ से पीड़ित लोगों की रक्षा करनी पड़ती है। वह वहाँ सीमा की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं,और हम आराम से अपने घरों पर बैठे रहते हैं। वे हमारे लिए अपने प्राणों का बलिदान करते हैं, एक सजग प्रहरी की तरह सीमा पर रक्षा करते हैं। 

हमें चाहिए कि हम उनके व उनके परिवार वालों के प्रति सदैव सम्माननीय व्यवहार करें।

जिस तरह वह अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करते हैं, हमें उनके परिवार वालों का ध्यान रख कर उसी तरह अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उनका अनादर नहीं करना चाहिए, सदैव उनको अपने से पहले प्राथमिकता देनी चाहिए फिर चाहे वो किसी भी जगह हो। इसके द्वारा हम कुछ हद तक अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर सकते हैं।


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