किसी विषय पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
1. सत्संगति
संकेत बिंदु-
* सत्संगति का अर्थ
* सत्संगति का महत्व
* कुसंगति से हानि
2. हमारे मेट्रो
संकेत बिंदु-
* भारत की प्रगति का नमूना
* लोकप्रियता के कारण
* मेट्रो का विस्तार
3.अनुशासन क्यों?
संकेत बिंदु-
* अनुशासन का अर्थ
* अनुशासन की आवश्यकता
* अनुशासन का प्रभाव
4. लड़का लड़की एक समान
संकेत बिंदु-
* ईश्वर की देन
* भेदभाव के कारण
* दृष्टिकोण कैसे बदलें
5. देश पर पड़ता विदेशी प्रभाव
6. मित्रता।
7. युवाओं के लिए मतदान का अधिकार
8. कमरतोड़ महंगाई
9. वर्षा ऋतु
10. परिश्रम का महत्व
11. मीडिया का सामाजिक उत्तरदायित्व
12. दैव-दैव आलसी पुकारा
13. मोबाइल फोन
* मोबाइल फोन क्या है
* अद्भुत लाभ
* हानि से कैसे बचे
14. परीक्षा के कठिन दिन
संकेत बिंदु-
* परीक्षा की उपयोगिता
* परीक्षा जीवन की कसौटी
* परीक्षा में सफलता के उपाय
15. विद्यार्थी और अनुशासन
संकेत बिंदु-
* अनुशासन की आवश्यकता
* बढ़ती अनुशासनहीनता
*सुधारों के उपाय
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जीवन में खेलकूद का महत्व
खेल हमारे जीवन का एक एहम हिस्सा है, यह हमारे शारीरिक एवम् मानसिक दोनोंं ही विकास का श्रोत है। यह हमारे शरीर के रक्त परिसंचरण मे सहायक है, वही दूसरी ओर हमारे दिमागी विकास मे लाभकारी है।खेल व्यायाम का सबसे अच्छा साधन माना जाता है. खेल ही हमारे शरीर को हस्ट-पुस्ट, गतिशील एवं स्फूर्ति प्रदान करने मे सहायक होते है।
ओमकेश ढाकणे
कक्षा - नौवीं स
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बढती महँगाई
महंगाई का तात्पर्य है वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होना। वस्तुओं के दाम सीधे आसमान को छू रहे है। देश में महंगाई एक बहुत बड़ी समस्या है। महंगाई गरीब, मध्यम वर्गीय और गरीबी से नीचे स्तर पर लोगो को भी प्रभावित करती है। महंगाई की सबसे बुरी मार गरीब वर्ग के लोगो को झेलना पड़ता है। दिन प्रतिदिन वस्तुओं के दामों में इज़ाफ़ा होना, देशवासी के लिए भीषण समस्या है। प्रत्येक समय देश की सरकार महंगाई को कम करने की बात करती है, उल्टा ही देखने को मिलता है।
शुभम जंगले
कक्षा - नौवीं स
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आत्मविश्वास
आत्मविश्वास ऐसा कुछ है जिसे सिखाया नहीं जा सकता। यह तय करने के लिए व्यक्ति पर निर्भर है कि वे खुद के अंदर कितना विश्वास रखते हैं। मैं उस बिंदु पर हूं जहां मुझे पता है कि मुझे पहले विश्वास करना चाहिए कि इससे पहले कि वे मुझ पर विश्वास करें। कोई भी हमें खुश या दुख की बात नहीं सिखाता है। है जिसे सिखाया नहीं जा सकता। यह तय करने के लिए व्यक्ति पर निर्भर है कि वे खुद के अंदर कितना विश्वास रखते हैं। मैं उस बिंदु पर हूं जहां मुझे पता है कि मुझे पहले विश्वास करना चाहिए कि इससे पहले कि वे मुझ पर विश्वास करें। कोई भी हमें खुश या दुख की बात नहीं सिखाता है।
आदर्श खंडाले
कक्षा -नौवीं स
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मित्रता
मित्रता अनमोल धन है। इसकी तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है। हीरे-मोती या सोने-चाँदी से भी नहीं। मैत्री की महिमा बहुत बड़ी है। सच्चा मित्र सुख और दुख में समान भाव से मैत्री निभाता है। जो केवल सुख में साथ होता है, उसे सच्चा मित्र नहीं कहा जा सकता। साथ-साथ खाना-पीना, सैर, पिकनिक का आनंद लेना सच्ची मित्रता का लक्षण नहीं। सच्चा मित्र तो दीर्घ काल के अनुभव से ही बनता है। सच्ची मित्रता की बस एक पहचान है और वह है-विचारों की एकता। विचारों की एकता ही इसे दिनोंदिन प्रगाढ़ करती है। सच्चा मित्र बड़ा महत्त्वपूर्ण होता है।
जहाँ थाह न लगे, वही बाँह बढ़ाकर उबार लेता है। मित्रता करना तो आसान है, लेकिन निभाना बहुत ही मुश्किल। आज मित्रता का दुरुपयोग होने लगा है। लोग अपने सीमित स्वार्थों की पूर्ति के लिए मित्रता का ढोंग रचते हैं। मित्र जो केवल काम निकालना जानते हैं, जो केवल सख के साथी हैं और जो वक्त पड़ने पर बहाना बनाकर किनारे हो जाते हैं. वे मित्रता को कलंकित करते हैं। मित्रता जीवन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव है।
पुण्यप्रसुन
कक्षा - नौवीं स
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Hindi darpan 2020
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मस्त सर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर।
हटाएं👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ,मैडम ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर/मैडम
जवाब देंहटाएंआपके कारण मेरी सारी समस्याए दूर हो गई, धन्यवाद।
👌👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर/मैडम
जवाब देंहटाएंThank you sir/madam
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