सच्ची मित्रता
राहुल और अमित गहरे दोस्त थे। एक दिन राहुल परीक्षा में कम नंबर आने से बहुत उदास था। स्कूल के बच्चे उसका मजाक उड़ा रहे थे। अमित ने यह देखा और तुरंत उसकी मदद करने का निश्चय किया। उसने राहुल को समझाया कि नंबर से व्यक्ति की काबिलियत तय नहीं होती। अमित ने रोज राहुल के साथ पढ़ाई शुरू की। उसकी मदद और प्रोत्साहन से राहुल ने अगली परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए।
जब अमित बीमार पड़ा, तब राहुल ने भी उसकी खूब देखभाल की। उन्होंने एक-दूसरे की मुश्किल घड़ी में साथ देकर सच्ची मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत किया। सच्ची दोस्ती का मतलब केवल साथ रहना नहीं, बल्कि हर हाल में एक-दूसरे का सहारा बनना है।
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