हिंदी भाषा संबंधी अनमोल विचार
1. राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है।
महात्मा गांधी।
2.हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है।
महात्मा गांधी।
3.मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता।
आचार्य विनोबा भावे।
4.जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य का गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। डॉ. राजेंद्र प्रसाद।
5.हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता।
पंडित गोविंद बल्लभ पंत।
6. हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है।
कमलापति त्रिपाठी।
7.हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है। विलियम केरी।
8. हिंदी प्रेम की भाषा है,
यही इसकी परिभाषा है।
9.हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा तो है ही, यही जनतंत्रात्मक भारत में राजभाषा भी होगी।
सी. राजगोपालाचारी।
10.हिन्दी भाषा और साहित्य ने तो जन्म से ही अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा है।
धीरेन्द्र वर्मा।
संकलन
शर्मिष्ठा दांडगे
कक्षा = सातवीं (ब)
Name=suraj gorakhnath gange
जवाब देंहटाएंRoll=7 std=7the div=B
Thought=अगर मां है तो खाना खाने की हिम्मत है अगर मां नहीं है तो खाना खाने की हिम्मत छोड़ दूंगा