सोमवार, 21 सितंबर 2020

पत्र लेखन

 पत्र लेखन

परिभाषा

 व्यक्ति अपने विचारों और भावों को  अपने मित्रों अथवा संबंधियो तक जिसके माध्यम से पहुँचाता है, उसे पत्र लेखन कहते हैं।

पत्र के मुख्य दो प्रकार होते हैं।

 औपचारिक पत्र और

 अनौपचारिक पत्र।

औपचारिक पत्र। 

औपचारिक पत्र में सभी  कार्यालयीन पत्र आते हैं।


अनौपचारिक पत्र


जिनके साथ हमारे निजी संबंध होते हैं वे सभी पत्र अनौपचारिक पत्र में आते हैं।

 जैसे- मित्र के नाम पत्र, 

भाई के नाम पत्र,

 पिताजी के नाम पत्र,

 माताजी के नाम पत्र, 

मामा के नाम पत्र आदि।


अनौपचारिक पत्र का प्रारूप।


यह पत्र अपने संबंधियों तथा मित्रों को लेकर जाते हैं। 


इन्हें निम्न बिंदुओं पर लिखा जाता है।


1. पत्र लिखने वाले का स्थान पता व लिखने की तिथि। 2.प्रशस्ति, शिष्टाचार संबंधित शब्द जैसे पूज्य पूजनीय, माननीय प्रिय चिरंजीव आदि। 

3.पत्र का कलेवर यही पत्र का सर्व प्रमुख अंग होता है।

 इसमें लेखनीय सामग्री होती है। 

4.पत्र लिखने वाले का प्राप्तकर्ता के साथ संबंध।

जैसे आपका पुत्र,

आपका भाई,

आपका मित्र,

भवदीय, 

शुभचिंतक आदि। 

5.पत्र लिखने वाले का नाम।

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