सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

संवाद लेखन में किन-किन बातों की ओर ध्यान देना जरूरी है?


संवाद लेखन में किन-किन बातों की ओर ध्यान देना जरूरी है?


संवाद लेखन साहित्य का महत्वपूर्ण अंग है। साहित्य की अनेक विधाओं में इसका प्रयोग किया जाता है। 


वर्तमान में सिनेमा Film इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। टीवी T.V.पर चलने वाली सीरियलस, विद्वान वक्ताओं के संवाद, नाटकों के संवाद आदि। 




कोई भी रचना  प्रभावी संवाद के बिना प्रसिद्ध नहीं होती। और ना ही लोकप्रिय होती है। और इसलिए हर संवाद लेखक का एक उद्देश होता है कि वह संवाद लेखन प्रभावी करें।


वह कैसे होगा? उसके कारण क्या है? संवाद लेखन में किन बातों की ओर ध्यान देना चाहिए?ऐसे अनेक प्रश्न उपस्थित होते हैं। उसका हल हम निम्नतरह से निकाल सकते। 


एक प्रभावी संवाद Writerके लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान रखना, अत्यंत आवश्यक एवं जरूरी है।


  •  संवाद को सुनने वाले श्रोताओं को ध्यान में रखकर। संवाद लेखन में भाषा का प्रयोग करना चाहिए। 




  • संवाद की भाषा Simple ,सहज एवं प्रचलित भाषा होनी चाहिए।

  •  संवाद लेखन की भाषा में विशेष ध्यान देनी है। इसी के साथ उसकी वाक्य रचनाओं को भी। सोच समझकर प्रयोग करना चाहिए।

  •  संवाद लेखन में वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए। बड़े वाक्यों का सुनने वाले पर प्रभाव नहीं पडता। उसे समझ नहीं पाएंगे। इसलिए संवाद के वाक्य संक्षिप्त हो।

  •  संवाद की भाषा संवाद के अनुसार होनी चाहिए।

  • संवाद में सभी पात्रों के संवाद उचित मात्रा में होने चाहिए। किसी भी पात्र के संवाद कम ज्यादा ना हो।

  •  संवाद लेखन में। पात्रों के अनुसार शब्दों का प्रयोग होना चाहिए। अशुद्ध शब्दों का उच्चारण या प्रयोग संवाद लेखन में नहीं होना चाहिए।

  • संवाद लेखन में विचारों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। वाक्यों की पुनरावृति Repeatभी नहीं करना है।
   
  •  इन बातों की ओर अगर ध्यान दिया। तो एक  प्रभावी संवाद लेखन कर सकते हैं। और इसी के साथ अपना नाम और प्रसिद्धि भी पा सकते।

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