अपठित गद्यांश पर प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
निसंदेह, जब तक किसी इंसान में मानवता की सेवा की भावना नहीं है, तब तक उसके अंदर त्याग, उदारता, अपनत्व, भाईचारा जैसे गुणों का समावेश नहीं हो सकता। मानवता को मन में धारण करने से रोहित की दुर्भावना नष्ट हो जाती है और इंसान का जो व्यक्तित्व राई के दाने के समान लघु था वही विराट रूप ग्रहण करने लगता है । आज के इस युग में जो विसंगतियां सुरक्षा के समान मुंह फैलाए खड़ी है उनका सबसे बड़ा कारण यही है कि इंसान ने मानवता के स्थान पर रोहित को ही अपना सबसे बड़ा धर्म मान लिया है ।आज इंसान के अंदर अनेकानेक बुराइयों ने घर कर लिया है ।अतः इस स्थिति से उबरने के लिए हमें विचार करना है कि कैसे इसको जीत धरती पर मानवता को शुरू परी धर्म मानने के आदर्श को हृदय से पुनः अपनाया जाए, क्योंकि ऐसा किए बिना मानवता के उत्थान की बात सोचना भी बेमानी होगा।
प्रश्न
1. मानवता की सेवा करने से व्यक्तित्व में किन गुणों का समावेश हो जाता है?
2. स्वहित की दुर्भावना का व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव पड़ता है?
3. व्यक्तित्व में वैराट्यता भाव कब दिखाई देता है?
4. क्या किए बिना मानवता के उत्थान की बात नहीं सोची जा सकती है?
5. आज इंसान के अंदर अनेकानेक बुराइयों ने घर क्यों कर लिया है?
6. गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए।
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जवाब देंहटाएंPassage is fabulous 👌