रक्षाबंधन पर्व पर कविता
रक्षाबंधन का ये पावन त्योहार,
लेकर आता खुशियों की बहार।
राखी के धागों में बंधा है प्यार,
भाई-बहन का अनमोल उपहार।
कलाई पर बंधी जब राखी की डोर,
भाई का दिल हो जाता है चोर।
वचन देता है वह सदा की सुरक्षा,
बहन का चेहरा खिल जाता है और।
संग संग बिताए बचपन के पल,
यादें दिल में बसे हैं सरल।
हर राखी पर उन पलों का जश्न,
रिश्तों की मिठास, ना हो कोई छल।
रक्षाबंधन है प्रेम की मिसाल,
हर दिल में उठे यही सवाल।
कैसे निभाएं हम ये बंधन,
सिर्फ राखी नहीं, है ये स्नेह का उजाल।
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