रविवार, 18 अगस्त 2024

रक्षाबंधन पर्व पर कविता

 रक्षाबंधन पर्व पर कविता 

रक्षाबंधन का ये पावन त्योहार,  

लेकर आता खुशियों की बहार।  

राखी के धागों में बंधा है प्यार,  

भाई-बहन का अनमोल उपहार।


कलाई पर बंधी जब राखी की डोर,  

भाई का दिल हो जाता है चोर।  

वचन देता है वह सदा की सुरक्षा,  

बहन का चेहरा खिल जाता है और।


संग संग बिताए बचपन के पल,  

यादें दिल में बसे हैं सरल।  

हर राखी पर उन पलों का जश्न,  

रिश्तों की मिठास, ना हो कोई छल।


रक्षाबंधन है प्रेम की मिसाल,  

हर दिल में उठे यही सवाल।  

कैसे निभाएं हम ये बंधन,  

सिर्फ राखी नहीं, है ये स्नेह का उजाल।

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