शिक्षकत्व
शिक्षकत्व एक पवित्र और जिम्मेदारीपूर्ण कार्य है, जो समाज को दिशा देने और उसे सभ्य, शिक्षित और सुसंस्कृत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक केवल ज्ञान का संचारक नहीं होता, बल्कि वह बच्चों में नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और अनुशासन का संचार भी करता है। शिक्षक अपने छात्रों की शिक्षा और व्यक्तित्व निर्माण में एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। शिक्षक का कर्तव्य होता है कि वह छात्रों को कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करे, उनके भीतर प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति और ज्ञान के प्रति जिज्ञासा को बढ़ावा दे। शिक्षक अपनी मेहनत, धैर्य और ज्ञान से छात्रों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाता है, और उनके भविष्य की नींव रखता है। सही मायनों में शिक्षक समाज का निर्माता और मार्गदर्शक होता है।
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