शनिवार, 25 जनवरी 2025

पाठ "भूरिश्रवा, जयद्रथ और आचार्य द्रोण का अंत"

 

यहाँ कक्षा 7 के "महाभारत कथा" पाठ "भूरिश्रवा, जयद्रथ और आचार्य द्रोण का अंत" से संबंधित दस लघुत्तरी प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं:

  1. भूरिश्रवा कौन थे और उनकी मृत्यु कैसे हुई?
    उत्तर: भूरिश्रवा कौरवों के पक्ष के एक योद्धा थे। उनकी मृत्यु अर्जुन द्वारा की गई, जब वे युद्ध के दौरान सत्यकी को मारने वाले थे।

  2. अर्जुन ने भूरिश्रवा पर क्यों हमला किया?
    उत्तर: अर्जुन ने सत्यकी को बचाने के लिए भूरिश्रवा पर हमला किया, क्योंकि सत्यकी असहाय स्थिति में थे।

  3. जयद्रथ को मारने का प्रण किसने लिया था?
    उत्तर: अर्जुन ने जयद्रथ को मारने का प्रण लिया था, क्योंकि जयद्रथ ने अभिमन्यु को घेरकर मारने में भूमिका निभाई थी।

  4. जयद्रथ की मृत्यु कैसे हुई?
    उत्तर: अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण की सहायता से सूर्यास्त से पहले जयद्रथ को अपने बाण से मार डाला।

  5. आचार्य द्रोण की मृत्यु का कारण क्या था?
    उत्तर: आचार्य द्रोण की मृत्यु का कारण यह था कि उन्होंने युधिष्ठिर के झूठ "अश्वत्थामा मारा गया" सुनने के बाद अपने शस्त्र त्याग दिए, और तब धृष्टद्युम्न ने उनका वध कर दिया।

  6. जयद्रथ की मृत्यु के समय श्रीकृष्ण ने अर्जुन की कैसे सहायता की?
    उत्तर: श्रीकृष्ण ने अपने मायाजाल से सूर्य को ढक दिया, जिससे कौरव यह समझे कि सूर्य अस्त हो गया है। सूर्य दोबारा प्रकट होते ही अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया।

  7. द्रोणाचार्य को अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु का विश्वास कैसे हुआ?
    उत्तर: युधिष्ठिर ने "अश्वत्थामा मारा गया" कहकर सत्य और असत्य को मिलाकर ऐसा झूठ बोला, जिससे द्रोणाचार्य को विश्वास हो गया।

  8. द्रोणाचार्य ने शस्त्र त्यागने का निर्णय क्यों लिया?
    उत्तर: अपने पुत्र अश्वत्थामा की मृत्यु का समाचार सुनकर द्रोणाचार्य ने शस्त्र त्यागने का निर्णय लिया।

  9. जयद्रथ की मृत्यु से कौरव पक्ष पर क्या प्रभाव पड़ा?
    उत्तर: जयद्रथ की मृत्यु से कौरव पक्ष कमजोर हो गया और उनकी हार का मार्ग प्रशस्त हो गया।

  10. इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
    उत्तर: इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अधर्म का साथ देने वालों का अंत निश्चित है और युद्ध में धर्म व सत्य का पालन करना अनिवार्य है।

यह प्रश्न-उत्तर पाठ को समझने और मुख्य घटनाओं को याद रखने में सहायक होंगे।

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