प्रोत्साहन
प्रोत्साहन मनुष्य के जीवन में ऊर्जा का संचार करने वाला एक अत्यंत आवश्यक तत्व है। यह वह शक्ति है जो व्यक्ति को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने, कठिनाइयों का सामना करने और आत्मविश्वास बनाए रखने में सहायता करती है। जब किसी को उचित समय पर प्रोत्साहन मिलता है, तो उसकी क्षमताएं दुगुनी हो जाती हैं और वह असंभव कार्य को भी संभव बना सकता है। माता-पिता, शिक्षक, मित्र और समाज से मिला सकारात्मक समर्थन व्यक्ति के मानसिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
छात्रों के जीवन में प्रोत्साहन विशेष रूप से आवश्यक होता है क्योंकि वे अपने भविष्य का निर्माण कर रहे होते हैं। अगर उन्हें छोटी-छोटी सफलताओं पर सराहा जाए, तो वे आगे भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके विपरीत, निरुत्साह व्यक्ति को हताशा की ओर ले जाता है।
प्रेरणादायक शब्द, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार और विश्वास से भरा वातावरण किसी भी व्यक्ति को नई दिशा दे सकता है। महापुरुषों की सफलता के पीछे भी कहीं न कहीं किसी न किसी का प्रोत्साहन रहा है। इसलिए हमें भी दूसरों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके भीतर आत्मबल बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि प्रोत्साहन ही उन्नति की पहली सीढ़ी है।
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