दिए गए प्रस्थान बिंदुओं के आधार पर शीर्षक सहित लघु कथा लिखिए।
प्रस्थान बिंदु -
सुनील एक समाजसेवी है। वह गरीबों के हितार्थ काम करता रहता है और सदैव व्यस्त रहता है। आज नेताजी आने वाले हैं। और उसे गरीबों में कंबल बांटने जाना है। उसके पिताजी का चश्मा कई दिनों से टूटा पड़ा है। वह सुनील को फिर से याद दिलाते हुए उसे चश्मा बनवाने के लिए कहते हैं। परंतु उनकी आवाज गाड़ी की गड़गड़ाहट में दबकर रह जाती है।
समाज सेवी
ड्राइवर जल्दी करो वरना देर हो जाएगी। सुनील तैयार होती हुई बोला जी साहब! ड्राइवर तुरंत गाड़ी लेकर गेट पर आ गया। सुनील एक समाजसेवी था जो गरीबों के हित में काम किया करता था और सदैव व्यस्त रहता था बेटा सुनील! जरा मेरा चश्मा बनवा देना। 1 हफ्ते से टूटा पड़ा है। सुनील के पिताजी ने उसे याद दिला दी हुई का पिता जी आज फुर्सत नहीं है। मंत्री महोदय आ चुके होंगे। आज गरीबों को कंबल बांटने जाना है। सुनील बाहर निकलते। हुआ बोला।
बेटा लौटते समय बनवा लेना चश्मा तो लेते जाओ। परंतु पिताजी की आवाज गाड़ी की गड़गड़ाहट में कहीं खो गई। गाड़ी की गड़गड़ाहट धीरे-धीरे हल्की होते-होते खत्म हो गई। गाड़ी जा चुकी थी। पिताजी को अपने बेटे पर गर्व था परंतु उनकी आंखों में आंसू थे।
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जवाब देंहटाएंHume iss laghu katha se yah seeks milti hai ki bhale hi hamare paas na ho par hume apne mata pita ki hamesha izzat karni chahiye aur unhe kabhi bhi nirash nhi karna chahiye tatha unki har baaton ka paalan karna chahiye!!!!!😚😙😚😚
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