औपचारिक पत्र का प्रारुप
सेवा में,
जिलाधिकारी
जिलाधिकारी कार्यालय,
औरंगाबाद।
दिनांक -
विषय -
महोदय,
धन्यवाद।
भवदीय
नाम
पता
औपचारिक पत्र का प्रारुप
सेवा में,
जिलाधिकारी
जिलाधिकारी कार्यालय,
औरंगाबाद।
दिनांक -
विषय -
महोदय,
धन्यवाद।
भवदीय
नाम
पता
विज्ञापन लेखन करते समय किन बातों का रखें ध्यान
1.विज्ञापन हमेशा नये पेज पर ही लिखना है।
2.बाईं left ओर मध्य में विज्ञापित वस्तु के गुणों का उल्लेख करना चाहिए।
3.दाहिनी Right ओर या मध्य में वस्तु का बड़ा-सा चित्र देना चाहिए।
4.स्टॉक सीमित या जल्दी करें जैसे प्रेरक शब्दों का प्रयोग किसी डिजाइन में होना चाहिए।
5.मुफ़्त मिलने वाले सामानों या छूट का उल्लेख अवश्य किया जाना चाहिए।
6.अंत में विक्रेता का मोबाइल नंबर देना है।
माड्यूल-1
पद परिचय (कक्षा दसवीं)
1.निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए।
1. तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की।
क. जातिवाचक संज्ञा, एकवचन,पुल्लिंग, कर्ता कारक।
ख. व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक।
ग. व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन,पुल्लिंग, कर्ता कारक।
घ. जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक।
2. तालाब में कमल खिलते हैं।
क. अकर्मक क्रिया,बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल,कर्तृवाच्य।
ख. अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य।
ग. सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य।
घ. अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य।
3. यह उपहार उसे ही देना।
क. संज्ञा, पुरुषवाचक, मध्यम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग,कर्मकारक।
ख. सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग,
कर्म कारक।
ग. संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन,पुल्लिंग, कर्म कारक।
घ. सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक।
4. सफेद घोड़ा तेज भागता है।
क. विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, घोड़ा विशेष्य।
ख. विशेषण, रितिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, घोड़ा विशेष्य।
ग. क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, घोड़ा विशेष्य।
घ. क्रियाविशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, घोड़ा विशेष्य।
5. बाग में कुछ छात्राएं बैठी थी।
क. क्रिया अकर्मक, एकवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल।
ख. क्रिया, सकर्मक, एक वचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल।
ग. क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल।
घ. क्रिया, सकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल।
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उत्तर - 1-ग
2-ख
3-घ
4-क
5-ग
पठित गद्यांश पर प्रश्न (कक्षा दसवीं)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प को चुनकर लिखिए | 5×1=5
बालगोबिन भगत की मौत उन्हीं के अनुरूप हुई। वह हर वर्ष गंगा स्नान करने जाते | स्नान पर उतनी आस्था नहीं रखते, जितना संत-समागम और लोक -दर्शन पर| पैदल ही जाते | करीब तीस कोस पर गंगा थी। साधु को संबल लेने का क्या हक? और, गृहस्थ किसी से भिक्षा क्यों माँगे? अतः घर से खाकर चलते, तो फिर घर पर ही लौटकर खाते। रास्ते भर खँजड़ी बजाते, गाते, जहाँ प्यास लगती, पानी पी लेते।चार-पाँच दिन आने-जाने में लगते; किंतु इस लंबे उपवास में भी वही मस्ती ! अब बुढ़ापा आ गया था किंतु टेक वही जवानी वाली। इस बार लौटे तो तबीयत कुछ सुस्त थी। खाने-पीने के बाद भी तबीयत नहीं सुधरी, थोड़ा बुखार आने लगा | किन्तु नेम-व्रत तो छोड़नेवाले नहीं थे| स्नानध्यान खेतीबारी देखना । दिन-दिन छिजने लगे| लोगों ने नहाने-धोने से मना किया ,आराम करने की कहा किंतु हँसकर टाल देते रहे। उस दिन भी संध्या में गीत गाए, किंतु मालूम होता है, जैसे तागा टूट गया हो, माला का एक-एक दाना बिखरा हुआ | भोर में लोगों ने गीत नहीं सुना,जाकर देखा तो बालगोबिन भगत नहीं रहे सिर्फ उनका पंजर पड़ा है !
1] बालगोबिन भगत प्रतिवर्ष गंगा-स्नान करने क्यों जाते थे?
(क) गंगा स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने (ख) सच्चे साधकों से मिलने की इच्छा से
(ग) उनके घर की परम्परा निभाने के लिए (घ) क्योंकि वे हमेशा से जाते रहे है
2] बालगोबिन जी गंगा-यात्रा के दौरान उपवास क्यों रखते? उनका मानना था कि-
(क) साधु को संबल नहीं लेना चाहिए (ख) गृहस्थ को भिक्षा नहीं मांगनी चाहिए
(ग) केवल ‘क’ पर्याय सही (घ) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों पर्याय सही
3] बालगोबिन भगत उपवास का पालन किस प्रकार करते?
(क) साबूदाना खिचड़ी खाकर (ख) घर से खाकर चलते तो घर लौटकर ही खाते
(ग) एक वक्त खाकर और पानी पीकर (घ) इनमें से नहीं
4] बालगोबिन भगत की तबीयत बिगड़ने का क्या कारण था?
(क) वृद्धावस्था में उपवास रखना (ख) प्रतिवर्ष गंगा-स्नान जाना
(ग) भजन गाना (घ) उनके बेटे की मृत्यु का दुःख
5] बालगोबिन के गीतों में कैसा भाव व्यक्त होता था?
(क) प्रभुमिलन का (ख) देशभक्ति का (ग) वियोग का (घ) इनमें से कोई नहीं
2.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प को चुनकर लिखिए | 5×1=5
ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफ़ेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफ़र करता देखे।...अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे और अब किसी सफ़ेदपोश के सामने खीरा कैसे खाएँ? हम कनखियों से नवाब साहब की ओर देख रहे थे। नवाब साहब कुछ देर गाड़ी की खिड़की से बाहर देखकर स्थिति पर गौर करते रहे। 'ओह', नवाब साहब ने सहसा हमें संबोधन किया, 'आदाब-अर्ज़', जनाब, खीरे का शौक फ़रमाएँगे?
नवाब साहब का सहसा भाव-परिवर्तन अच्छा नहीं लगा। भाप लिया, आप शराफ़त का गुमान बनाए रखने के लिए हमें भी मामूली लोगों की हरकत में लथेड़ लेना चाहते हैं। जा दिया, 'शुक्रिया, किबला शौक फरमाएँ।'
1]लेखक ठाली बैठे क्या अनुमान करने लगे?
(क) वे अपनी कहानी के बारे में सोच रहे थे|
(ख) नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारणों के बारे में सोच रहे थे|
(ग) नवाब साहब के कपड़ों के बारे में सोच रहे थे।
(घ) वे सोच रहे थे कि नवाबी चली गई परन्तु आदतें नहीं गई|
2] नबाब साहब ने सकेंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा होगा ?
(क)उन्हें लगा होगा की आज सेकंड क्लास में सफर करके देखा जाए |
(ख)उनके पास इतने पैसे नहीं होंगे कि वे फर्स्ट क्लास का टिकट ले सके
(ग)उन्होंने किफायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा |
(घ)उनको फर्स्ट क्लास का टिकट नहीं मिल पाया होगा |
3] लेखक नवाब साहब की ओर कैसे देख रहे थे ?
(क)कनखियों से (ख)गौर से
(ग)टेढ़ी नजर से (घ)आश्चर्य से
4] लेखक ने यहाँ धन्यवाद के स्थान पर क्या शब्द प्रयोग किया है ?
(क)किबला (ख) आदाब अर्ज
(ग)शराफत (घ) शुक्रिया
5] लेखक ने मामूली लोगों की हरकत किसे कहा है ?
(क) सेकंड क्लास में सफर करने को
(ख) इस प्रकार खीरा खाने को
(ग) खिड़की से बाहर झाँकने को
(घ) नवाबी रोब दिखाने को
मेरा विद्यालय
1 – मेरे स्कूल का नाम केन्द्रीय विद्यालय औरंगाबाद है।
2.मेरे स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढाई किया जाता है।
3 – मेरे स्कूल में कक्षा पहली से लेकर 12वी तक की पढाई होती है।
4 – हमारा स्कूल शहर के सबसे अच्छे विद्यालयों में से विद्यालय है।
5. हमारे स्कूल में पढाई का समय 7 बजे से 12 बजे तक है।
6 – हमारे स्कूल की इमारते पक्की बनी हुई है, जिसमे हर कक्षा के लिए अलग अलग कमरे है।
7– स्कूल के बीचोबीच बहुत बड़ा मैदान है, जिसमे हम सभी बच्चे तरह तरह के खेल खेलते है।
8– विद्यालय में एक साथ प्रार्थना करने के लिए सभी बच्चो के लिए प्रार्थना स्थल बना हुआ है।
10 – हमारे स्कूल के सभी अध्यापक बहुत अच्छे है, जो की बहुत ही अच्छे से पढाई कराते है।
प्रस्तुतकर्ती - अनुजा
अनुशासन शिक्षा का पहला अध्याय है।
जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन के बिना हम किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते। इसलिए हमें अनुशासन का पालन करना चाहिए।
पठित काव्यांश पर प्रश्न (कक्षा दसवीं)
निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए।
1.हमारे हरि हारिल की लकरी ।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर,यह दृढ़ करि चकरी।
जागते सोवत स्वप्न दिवस-निसि,कान्ह-कान्ह जक री।
सुनता जोग लागत है ऐसौ,ज्यौं करुंगी ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौ लै आए,देखी सुनी न करी।
यह तो 'सूर' तिनहिं लै सौंपो, जिनकी मन चकरी।।
1. गोपियों ने अपनी तुलना हारिल के पक्षी से क्यों कि है?
क. हारिल पक्षी सदैव लकड़ी लिए उड़ता है।
ख. गोपियों को हारिल पक्षी पसंद है?
ग. श्रीकृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम के कारण।
घ. श्रीकृष्ण के प्रति अपनी नाराज़गी के कारण।
2.'नंद नंदन' विशेषण किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
क. श्रीकृष्ण के लिए।
ख. गोपियों के लिए।
ग. उद्धव के लिए।
घ.नंद के लिए।
3. गोपियां किसे व्याधि कह रही है?
क. उद्धव की बातों को।
ख. उद्धव के योग ज्ञान को।
ग. श्रीकृष्ण के विरह को।
घ. श्रीकृष्ण के प्रेम को।
4.गोपियों को योग-साधना कैसी लगती है?
क. हारिल की लकड़ी की तरह।
ख.हारिल पक्षी के समान।
ग.जिसे कभी न देखा हो।
घ.कडवी ककडी के समान।
5.गोपियां योग का संदेश किनके लिए उपयुक्त समझती हैं?
क. जो श्रीकृष्ण से प्रेम नहीं करते।
ख.जिनका मन स्थिर नहीं है।
ग.जिनका मन स्थिर है।
घ.श्रीकृष्ण के लिए।
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2. विकल विकल,उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जैन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा,जल से फिर
शीतल कर दो-
बादल ग्रंथों!
1.कवि बादल से क्या प्रार्थना करता है?
क. ग्रीष्म के ताप से लग्न लोगों को मुक्ति दिलाने की।
ख. धरती से गर्मी को कम करने की।
ग.गर्मी दूर करने की।
घ.उपर्युक्त सभी।
2.कवि ने बादलों को अनन्त के घन क्यों कहा है?
क.बादल अनन्त स्वरूप को धारण करने वाले ईश्वर की कृति हैं।
ख. बादलों का कोई अंत नहीं है।
ग.बादलों के आगमन के लिए कोई दिशा का निर्धारण नहीं है।
घ. इनमें से कोई नहीं।
3. 'जल' का प्रतीकात्मक भाव क्या है?
क. क्रांति एवं पौरुष भाव।
ख. नाद-सौंदर्य भाव।
ग. शांति एवं सुख का भाव।
घ.इनमें से कोई नहीं।
4. ग्रीष्म की बढ़ती हुई तपन के कारण जन-जीवन कैसा हो गया है?
क.जन-जीवन अस्त व्यस्त भरा।
ख. जन जीवन उन्माद भरा।
ग. जन जीवन उद्विग्न भरा।
घ. जन जीवन अनमना व व्याकुलता से भरा।
5.अज्ञात दिशा से किसका आगमन हुआ है?
क.वर्षा का ।
ख. वसंत का।
ग. बादलों का।
ग्रीष्म का।
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बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो -
1. कवि बादलों से क्या करने के लिए कहता है?
2.इस काव्यांश के कवि कौन है?
3. कवि ने बालों को किसकी उपमा दी है?
4. कवि बादलों से कैसे बरसने के लिए कहते हैं?
5. कविता का नाम क्या है?
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हिंदी विषय का प्रश्न पत्र हल करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना हैं।
1.सर्व प्रथम प्रश्न पत्र को अच्छी तरह से पढ़ना है।
2. दिए गए अपठित गद्यांश एवं काव्यांश पर आधारित प्रश्न एवं उनके विकल्प को ध्यान से पढ़िए। गद्यांश एवं काव्यांश के आधार पर ही उचित विकल्प का चयन कर उसे पूर्ण लिखना हैं।
3. प्रश्नों का क्रमांक सही तरह से लिखिए।
4. उत्तर पुस्तिका में काट छांट न करें।
5. पत्र लेखन, अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन आदि को अलग अलग पेज पर लिखिए।
6.लेखन में स्वच्छता एवं शुद्धता की ओर विशेष ध्यान देना हैं।
7. व्याकरण पर आधारित प्रश्नों के उत्तर सोच समझ कर लिखिए।
8.निर्धारित समय में ही प्रश्न पत्र हल करें।
9. पेपर लिखना पूर्ण होने पर फिर एक बार प्रश्न के क्रमांक जांच लिजिए।
10.सभी प्रश्नों को हल करना हैं।
11. कोई भी प्रश्न अनुत्तरित नहीं छोड़ना हैं।
परीक्षा के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।
विद्यार्थी जीवन में योग का महत्व विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और आधारभूत चरण होता है। यह समय न केवल शिक्षा अर्जित करने का...