पठित गद्यांश पर प्रश्न (कक्षा दसवीं)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प को चुनकर लिखिए | 5×1=5
बालगोबिन भगत की मौत उन्हीं के अनुरूप हुई। वह हर वर्ष गंगा स्नान करने जाते | स्नान पर उतनी आस्था नहीं रखते, जितना संत-समागम और लोक -दर्शन पर| पैदल ही जाते | करीब तीस कोस पर गंगा थी। साधु को संबल लेने का क्या हक? और, गृहस्थ किसी से भिक्षा क्यों माँगे? अतः घर से खाकर चलते, तो फिर घर पर ही लौटकर खाते। रास्ते भर खँजड़ी बजाते, गाते, जहाँ प्यास लगती, पानी पी लेते।चार-पाँच दिन आने-जाने में लगते; किंतु इस लंबे उपवास में भी वही मस्ती ! अब बुढ़ापा आ गया था किंतु टेक वही जवानी वाली। इस बार लौटे तो तबीयत कुछ सुस्त थी। खाने-पीने के बाद भी तबीयत नहीं सुधरी, थोड़ा बुखार आने लगा | किन्तु नेम-व्रत तो छोड़नेवाले नहीं थे| स्नानध्यान खेतीबारी देखना । दिन-दिन छिजने लगे| लोगों ने नहाने-धोने से मना किया ,आराम करने की कहा किंतु हँसकर टाल देते रहे। उस दिन भी संध्या में गीत गाए, किंतु मालूम होता है, जैसे तागा टूट गया हो, माला का एक-एक दाना बिखरा हुआ | भोर में लोगों ने गीत नहीं सुना,जाकर देखा तो बालगोबिन भगत नहीं रहे सिर्फ उनका पंजर पड़ा है !
1] बालगोबिन भगत प्रतिवर्ष गंगा-स्नान करने क्यों जाते थे?
(क) गंगा स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने (ख) सच्चे साधकों से मिलने की इच्छा से
(ग) उनके घर की परम्परा निभाने के लिए (घ) क्योंकि वे हमेशा से जाते रहे है
2] बालगोबिन जी गंगा-यात्रा के दौरान उपवास क्यों रखते? उनका मानना था कि-
(क) साधु को संबल नहीं लेना चाहिए (ख) गृहस्थ को भिक्षा नहीं मांगनी चाहिए
(ग) केवल ‘क’ पर्याय सही (घ) ‘क’ तथा ‘ख’ दोनों पर्याय सही
3] बालगोबिन भगत उपवास का पालन किस प्रकार करते?
(क) साबूदाना खिचड़ी खाकर (ख) घर से खाकर चलते तो घर लौटकर ही खाते
(ग) एक वक्त खाकर और पानी पीकर (घ) इनमें से नहीं
4] बालगोबिन भगत की तबीयत बिगड़ने का क्या कारण था?
(क) वृद्धावस्था में उपवास रखना (ख) प्रतिवर्ष गंगा-स्नान जाना
(ग) भजन गाना (घ) उनके बेटे की मृत्यु का दुःख
5] बालगोबिन के गीतों में कैसा भाव व्यक्त होता था?
(क) प्रभुमिलन का (ख) देशभक्ति का (ग) वियोग का (घ) इनमें से कोई नहीं
2.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर उचित विकल्प को चुनकर लिखिए | 5×1=5
ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफ़ेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफ़र करता देखे।...अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे और अब किसी सफ़ेदपोश के सामने खीरा कैसे खाएँ? हम कनखियों से नवाब साहब की ओर देख रहे थे। नवाब साहब कुछ देर गाड़ी की खिड़की से बाहर देखकर स्थिति पर गौर करते रहे। 'ओह', नवाब साहब ने सहसा हमें संबोधन किया, 'आदाब-अर्ज़', जनाब, खीरे का शौक फ़रमाएँगे?
नवाब साहब का सहसा भाव-परिवर्तन अच्छा नहीं लगा। भाप लिया, आप शराफ़त का गुमान बनाए रखने के लिए हमें भी मामूली लोगों की हरकत में लथेड़ लेना चाहते हैं। जा दिया, 'शुक्रिया, किबला शौक फरमाएँ।'
1]लेखक ठाली बैठे क्या अनुमान करने लगे?
(क) वे अपनी कहानी के बारे में सोच रहे थे|
(ख) नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारणों के बारे में सोच रहे थे|
(ग) नवाब साहब के कपड़ों के बारे में सोच रहे थे।
(घ) वे सोच रहे थे कि नवाबी चली गई परन्तु आदतें नहीं गई|
2] नबाब साहब ने सकेंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा होगा ?
(क)उन्हें लगा होगा की आज सेकंड क्लास में सफर करके देखा जाए |
(ख)उनके पास इतने पैसे नहीं होंगे कि वे फर्स्ट क्लास का टिकट ले सके
(ग)उन्होंने किफायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीदा होगा |
(घ)उनको फर्स्ट क्लास का टिकट नहीं मिल पाया होगा |
3] लेखक नवाब साहब की ओर कैसे देख रहे थे ?
(क)कनखियों से (ख)गौर से
(ग)टेढ़ी नजर से (घ)आश्चर्य से
4] लेखक ने यहाँ धन्यवाद के स्थान पर क्या शब्द प्रयोग किया है ?
(क)किबला (ख) आदाब अर्ज
(ग)शराफत (घ) शुक्रिया
5] लेखक ने मामूली लोगों की हरकत किसे कहा है ?
(क) सेकंड क्लास में सफर करने को
(ख) इस प्रकार खीरा खाने को
(ग) खिड़की से बाहर झाँकने को
(घ) नवाबी रोब दिखाने को
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