पठित काव्यांश पर प्रश्न (कक्षा दसवीं)
निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चुनकर लिखिए।
1.हमारे हरि हारिल की लकरी ।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर,यह दृढ़ करि चकरी।
जागते सोवत स्वप्न दिवस-निसि,कान्ह-कान्ह जक री।
सुनता जोग लागत है ऐसौ,ज्यौं करुंगी ककरी।
सु तौ ब्याधि हमकौ लै आए,देखी सुनी न करी।
यह तो 'सूर' तिनहिं लै सौंपो, जिनकी मन चकरी।।
1. गोपियों ने अपनी तुलना हारिल के पक्षी से क्यों कि है?
क. हारिल पक्षी सदैव लकड़ी लिए उड़ता है।
ख. गोपियों को हारिल पक्षी पसंद है?
ग. श्रीकृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम के कारण।
घ. श्रीकृष्ण के प्रति अपनी नाराज़गी के कारण।
2.'नंद नंदन' विशेषण किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
क. श्रीकृष्ण के लिए।
ख. गोपियों के लिए।
ग. उद्धव के लिए।
घ.नंद के लिए।
3. गोपियां किसे व्याधि कह रही है?
क. उद्धव की बातों को।
ख. उद्धव के योग ज्ञान को।
ग. श्रीकृष्ण के विरह को।
घ. श्रीकृष्ण के प्रेम को।
4.गोपियों को योग-साधना कैसी लगती है?
क. हारिल की लकड़ी की तरह।
ख.हारिल पक्षी के समान।
ग.जिसे कभी न देखा हो।
घ.कडवी ककडी के समान।
5.गोपियां योग का संदेश किनके लिए उपयुक्त समझती हैं?
क. जो श्रीकृष्ण से प्रेम नहीं करते।
ख.जिनका मन स्थिर नहीं है।
ग.जिनका मन स्थिर है।
घ.श्रीकृष्ण के लिए।
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2. विकल विकल,उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जैन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा,जल से फिर
शीतल कर दो-
बादल ग्रंथों!
1.कवि बादल से क्या प्रार्थना करता है?
क. ग्रीष्म के ताप से लग्न लोगों को मुक्ति दिलाने की।
ख. धरती से गर्मी को कम करने की।
ग.गर्मी दूर करने की।
घ.उपर्युक्त सभी।
2.कवि ने बादलों को अनन्त के घन क्यों कहा है?
क.बादल अनन्त स्वरूप को धारण करने वाले ईश्वर की कृति हैं।
ख. बादलों का कोई अंत नहीं है।
ग.बादलों के आगमन के लिए कोई दिशा का निर्धारण नहीं है।
घ. इनमें से कोई नहीं।
3. 'जल' का प्रतीकात्मक भाव क्या है?
क. क्रांति एवं पौरुष भाव।
ख. नाद-सौंदर्य भाव।
ग. शांति एवं सुख का भाव।
घ.इनमें से कोई नहीं।
4. ग्रीष्म की बढ़ती हुई तपन के कारण जन-जीवन कैसा हो गया है?
क.जन-जीवन अस्त व्यस्त भरा।
ख. जन जीवन उन्माद भरा।
ग. जन जीवन उद्विग्न भरा।
घ. जन जीवन अनमना व व्याकुलता से भरा।
5.अज्ञात दिशा से किसका आगमन हुआ है?
क.वर्षा का ।
ख. वसंत का।
ग. बादलों का।
ग्रीष्म का।
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बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो -
1. कवि बादलों से क्या करने के लिए कहता है?
2.इस काव्यांश के कवि कौन है?
3. कवि ने बालों को किसकी उपमा दी है?
4. कवि बादलों से कैसे बरसने के लिए कहते हैं?
5. कविता का नाम क्या है?
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