“स्वास्थ्य ही धन है”
यह बिल्कुल सच है कि, “स्वास्थ्य ही धन है” क्योंकि, हमारा शरीर ही हमारी सभी अच्छी और बुरी सभी तरह की परिस्थितियों में हमारे साथ रहता हैं। इस संसार में कोई भी हमारे बुरे समय में मदद नहीं कर सकता है, इसलिए, यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक है, तो हम अपने जीवन में किसी भी बुरी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। यदि कोई स्वस्थ नहीं है, तो वह अवश्य ही जीवन का आनंद लेने के स्थान पर जीवन में स्वास्थ्य संबंधी या अन्य परेशानियों से पीड़ित होगा।
आजकल अच्छा स्वास्थ्य, भगवान के दिए हुए एक वरदान की तरह हैं।
इसलिए, अन्त में सभी प्रकार से खुश रहने के लिए और अपने सभी कार्यों को स्वंय करने के लिए अपने स्वास्थ्य को बनाए रखना अच्छा होता हैं। यह सत्य हैं कि, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है और धन कमाने के लिए अच्छे स्वास्थ्य की। लेकिन यह भी सत्य हैं कि, हमारा अच्छा स्वास्थ्य हर समय हमारी मदद करता है और हमें केवल धन कमाने के स्थान पर अपने जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करता हैं।
स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया है । बीमार धनी होने की अपेक्षा स्वस्थ गरीब होना अधिक अच्छा है । बीमार व्यक्ति धन एवं सुख-सुविधाओं का उपभोग नहीं कर सकता । उसे अपना जीवन भार लगने लगता है । स्वस्थ व्यक्ति बहुत मस्ती में जीता है । उसके मन-मस्तिष्क में उमंग और प्रसन्नता छायी रहती है । वह जिस कार्य को करता है, पूरे उत्साह से करता है । इसीलिए कहा गया है कि स्वास्थ्य ही धन है । अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रयत्न करना मनुष्य का दायित्व है । इसके लिए व्यायाम, योगासन तथा स्वस्थ दिनचर्या का अभ्यास
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