हिंदी साहित्य के युग पुरुष सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण कवि थे। उनका जन्म 21 फरवरी 1896 को वाराणसी में हुआ था। वे आधुनिक हिंदी काव्य के प्रमुख प्रतिष्ठान में से एक माने जाते हैं।
निराला की कविताओं में वे व्यक्तिगत भावनाओं, प्रेम, प्राकृतिक सौन्दर्य, और समाज के विचारों को आदान-प्रदान करते थे। उनका कविता सौन्दर्यशास्त्री होता था और वे विशेष रूप से प्राकृतिक चीजों के सौन्दर्य को महत्व देते थे।
निराला की प्रमुख कविताएँ 'रामकथा', 'आखिरी अँधेरा', 'विश्वभूषण', और 'रघुवंश' आदि हैं। उनके द्वारा रचित 'रामकथा' भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक काव्य के रूप में मानी जाती है और उन्होंने इसमें भगवान राम के जीवन को अद्वितीय रूप से प्रस्तुत किया।
निराला का लेखन हिंदी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उन्हें "राष्ट्रकवि" के रूप में जाना जाता है। उनकी कविताएँ आज भी हमारे साहित्य की महत्वपूर्ण धारा का हिस्सा हैं और वे हिंदी काव्य के प्रमुख स्तम्भ के रूप में जीवित हैं।
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