कक्षा 6 के लिए 5 लघु कथाएँ
1. सच्ची मित्रता
राजू और सोनू बहुत अच्छे दोस्त थे। एक दिन स्कूल से लौटते समय सोनू का पैर फिसल गया, और वह गिर गया। उसके हाथ में चोट लग गई। बाकी बच्चे हंसने लगे, लेकिन राजू ने उसकी मदद की और उसे घर तक छोड़कर आया। इस घटना के बाद, सोनू को समझ में आ गया कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत में साथ दे।
2. लालच का फल
रवि बहुत लालची था। एक दिन उसे एक जादुई घड़ा मिला, जिसमें से सोने के सिक्के निकलते थे। उसने सोचा, "अगर मैं इसे तोड़ दूं, तो सारा सोना एक साथ निकल आएगा।" लेकिन जैसे ही उसने घड़ा तोड़ा, अंदर कुछ नहीं था। अब वह पछताने लगा, परंतु समय निकल चुका था। लालच बुरी बला है!
3. समय का महत्व
मीनू को होमवर्क करना पसंद नहीं था। वह हमेशा उसे टालती रहती। परीक्षा के एक दिन पहले उसने सारी किताबें खोलीं, लेकिन कुछ भी याद नहीं हुआ। परीक्षा में उसे बहुत कम अंक मिले। तब उसे समझ आया कि समय की कद्र करनी चाहिए और हर काम समय पर करना चाहिए।
4. दया का इनाम
एक दिन अंशु ने देखा कि एक घायल कुत्ता रास्ते में पड़ा है। उसने उसे अपने घर ले जाकर उसकी देखभाल की। कुछ दिनों बाद जब अंशु पार्क में खेल रहा था, तो वही कुत्ता वहां आया और उसे एक सांप से बचाया। दया का इनाम हमेशा मिलता है!
5. मेहनत का फल
गोलू को आम खाना बहुत पसंद था, लेकिन वह पेड़ पर चढ़ नहीं सकता था। उसके दोस्त चिढ़ाते थे। गोलू ने हार नहीं मानी और रोज़ व्यायाम करने लगा। कुछ महीनों बाद, वह इतना मजबूत हो गया कि आसानी से पेड़ पर चढ़ने लगा। मेहनत कभी बेकार नहीं जाती!
इन छोटी कहानियों से बच्चों को नैतिक शिक्षा मिलेगी और उनके लेखन कौशल में भी सुधार होगा।
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