कहानी: "छोटू का सपना"
छोटू एक छोटे से गाँव में रहने वाला गरीब बच्चा था। उसका परिवार इतना गरीब था कि दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिलती थी। लेकिन छोटू के पास एक चीज़ थी – सपना। वह पढ़-लिखकर कुछ बड़ा बनना चाहता था।
स्कूल की फीस भरने के लिए वह दिन में खेतों में काम करता और रात को पढ़ाई करता। उसके पास न किताबें थीं, न बिजली, लेकिन वह कभी हार नहीं मानता। गाँव के टीचर ने उसकी मेहनत देखकर उसे पुरानी किताबें दीं और पढ़ने में मदद की।
कई बार भूखा सोना पड़ा, लेकिन छोटू ने हार नहीं मानी। सालों की मेहनत और लगन से उसने स्कॉलरशिप पाई और शहर के अच्छे कॉलेज में दाखिला लिया। वहाँ से पढ़कर वह एक IAS अधिकारी बन गया और अपने गाँव में स्कूल, अस्पताल और सड़कों का निर्माण कराया।
आज छोटू हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुका है। उसकी कहानी बताती है कि सपने पूरे करने के लिए पैसे नहीं, बल्कि मेहनत, ईमानदारी और लगन चाहिए।
संघर्ष से मत डरो, वहीं से रास्ता निकलता है।
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